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Govasusewa About Us

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Our Organization

गोधरा वसुंधरा गोसेवा ट्रस्ट की स्थापना सन् 2024 में वृंदावन मथुरा में श्री दीपक कुमार केशरी जी के द्वारा की गई। गोधरा का अर्थ है वो जिसे गौ ने धारण कर रखा है। अर्थात वो यानी वसुंधरा अर्थात इस पृथ्वी को गोमाता ने धारण कर रखा है। गोमाता की शक्ति से ही धरती माता नियंत्रित रहती है। इस सम्पूर्ण धरा के मूल में गोमाता ही है इसलिए इस धरती की रक्षा और सेवा के लिए गोवंश की रक्षा और सेवा करना आवश्यक है। गोसेवा से ही मनुष्यों के परम् लक्ष्य अभ्युदय एवं निःश्रेयस की सिद्धि होगी। अतः हमें गोसेवा एवं गोरक्षा के लिए निरंतर प्रयास करना ही होगा।

हमारा उद्देश्य

इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समस्त भारतीय नस्लों के गोवंशों का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना है।

यदि देखा जाए तो भारत की संस्कृति और परंपरा के मूल में गोमाता है। गाय के बिना हम भारतीयों की सांस्कृतिक एवं धार्मिक अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वैदिक धर्म की दृष्टि से देखा जाए तो हमारे शास्त्रों में गोवंश की महिमा का बहुत ही विस्तार से वर्णन किया गया है। वेदों पुराणों में नन्दी को स्वयं धर्म का सचल स्वरूप कहा गया है। किसी भी प्रकार के वैदिक संस्कार, यज्ञ, अनुष्ठान, पूजा, उपासना आदि कार्य गौ के दूध, दधि, घी, गोबर, गोमूत्र आदि के बिना संभव ही नहीं है। गोमाता के शरीर के विभिन्न अंगों में 33 कोटि देवताओं का वास बताया गया है। अर्थात गोमाता साक्षात् एक ऐसा सचल मंदिर है जिसमें विधाता ने स्वयं 33 कोटि देवताओं की प्रतिष्ठा की है। अतः भारतीय वेदलक्षणा गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना हमारे संस्था का परम् उद्देश्य है।

हमारी कार्य योजना

भारतीय वेदलक्षणा देशी गोवंश के संवर्द्धन के लिए हम नस्ल सुधार कार्यक्रम पर बल देंगे। इसके लिए पूरे भारत में अनेकों गोशालाएं स्थापित की जाएगी। सभी गोशालाओं में उसी क्षेत्र में पाई जाने वाली शुद्ध देशी नस्ल के गोवंश का पालन किया जाएगा और उनमें से उत्तम गुणवत्ता वाले गौ एवं नंदी से उत्तम गुणवत्ता वाले बछड़ों एवं बछिया को तैयार करके गोत्र प्रणाली के द्वारा अलग अलग गोत्र समूहों में विभाजित किया जाएगा। फिर इन समूहों से उत्तम गुवत्ता वाले गोवंश का विस्तार किया जाएगा। इस प्रकार से संपूर्ण देश में उपलब्ध सभी प्रकार के देशी गोवंशों की प्राकृतिक विधि से शुद्ध नस्लों को तैयार करके हम गोवंश संरक्षण एवं संवर्द्धन के कार्यक्रम को बढ़ावा देंगे। इस प्रकार आने वाले कुछ वर्षों में ही एक बार पुनः भारत भूमि पर शुद्ध नस्ल वाले गायों का विस्तार हो जाएगा और भारत में सबके लिए शुद्ध दुग्ध, दधि, घृत आदि की उपलब्धता हो जाएगी।

गोवंश को आधुनिक शिक्षा का विषय बनाना

हम जानते हैं कि गोवंश की भूमिका न केवल हमारे धर्म अपितु चिकित्सा, कृषि, ऊर्जा, खाद्य संस्करण आदि अनेकों कारणों से अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं कुल मिलाकर मानव जीवन के लिए गोवंश हर प्रकार से आवश्यक है अतः गोवंश के ऊपर भारतीय समाज को शिक्षित प्रशिक्षित करने के लिए हमारे ऋषि मुनियों द्वारा प्रदत्त शास्त्र आधारित ज्ञान विज्ञान पर शोध एवं अनुसन्धान करने के लिए विश्व स्तरीय विद्यालय, प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करनी होगी जहां पर गौ संबंधित विज्ञान, चिकित्सा, कृषि, धर्म एवं अर्थव्यवस्था आदि अनेको विषयों पर अध्ययन अध्यापन का कार्य हो सके। यदि गोवंश शिक्षा, शोध और अनुसंधान का विषय बन जाएगा तो हमे विश्वास है कि शीघ्र ही मानव समाज को उसके जीवन के लिए गोवंश से ऐसे अनेक लाभ प्राप्त होंगे जिससे मानव समाज अभी तक वंचित है। अतः हमारा प्रयास रहेगा कि गौ को छात्रों के पाठ्यक्रम का विषय बनाया जाए और आरम्भ से लेकर उच्च शिक्षा तक में गौ संबंधित विषयों को सम्मिलित किया जाए। इसके अतिरिक्त गौ संबंधित विषयों के शिक्षण प्रशिक्षण के लिए अलग से प्रत्येक जिले में शिक्षण संस्थानों, प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएं।

गौ केन्द्रित अर्थव्यवस्था को बल

गोमाता के पंचगव्य से हजारों प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं जिनमें से खाद्य वस्तुएं, पूजन सामग्री, औषधियां, कृषि हेतु उर्वरक, ज्वलनशील गैस आदि हैं। इसके अतिरिक्त यदि हम शास्त्र एवं विज्ञान आधारित शोध करें तो अनेकों प्रकार के ऐसे उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं जिससे लाखों लोगों को जीविका तो उपलब्ध होगी ही साथ ही गोमाता की कृपा से प्रकृति का भी संरक्षण होता रहेगा।

संस्था के माध्यम से आम गोपालकों एवं किसानों को गोपालन के साथ साथ गौ आधारित कृषि एवं उत्पादों के निर्माण का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं आम जनता को इन उत्पादों के उपयोग से होने वाले लाभ के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इस प्रकार भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गोवंश का पूर्ण सहयोग लिया जाएगा।

गोसेवा एवं गोशाला प्रबंधन हेतु गोसेवक प्रशिक्षण

गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए, गोविरोधियों का सामना करने के लिए, गोवंश के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है कि देशभर के समस्त गोशालाएं आपस में एकजुट रहे और एक दूसरे को आवश्यक सभी प्रकार की सहायता प्रदान करती रहें।

सभी गोशालाएं एक दूसरे की सहयोगी बने इसके लिए सभीको एक सूत्र में जोड़ना हमारी संस्था का प्रयास रहेगा। इस अभियान को गोमाला योजना के नाम से संचालित किया जाएगा। हमारे कार्यकर्ता समस्त गोशालाओं का भ्रमण करेंगे, वहां की स्थिति परिस्थिति का अध्ययन करेंगे, उन्हें अपने साथ एकसूत्र में जोड़ेंगे और हर संभव उनकी सहायता करेंगे।

Testimonials

That's very glad to get People Review

If you're interested in donating your Money, it's important to discussyour wishes. These questions are used to provoke thought and discussion. They can be used to challenge the other person's assumptions.

"I was awakened by a dream—my purpose is to serve suffering cows. What began as pain in my heart is now my life’s mission. This Gaushala and Cow Hospital are my grandparents’ dream, and through them, I will serve cows all over India.

Shri Sunil Nimana

Founder

Deserted cows deserve care and dignity. Guided by a divine dream, I’ve chosen to dedicate my life to them. This Gaushala and Cow Hospital will be the first step toward serving cows across India, fulfilling my grandparents’ vision."

Mr. Akash Gupta

Manager

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Mr. Akash Gupta

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